Monday, July 20, 2009

ताऊ ने खोली हवाईजहाज के इंजिन बनाने की फेक्ट्री

ताऊ को राज भाटिया जी ने हवाईजहाज के इंजन बनाने की कंपनी खोलने की राय देदी. अब ताऊ बेकार तो था ही..सो खोल दी एक कंपनी.

एक हवाईजहाज बनाने वाली कम्पनी ने ऐसा हवाईजहाज बनाया जिसको उडाने के लिये पायलेट की जरुरत नही थी. और उसने इसके लिये दस कम्पनियों से कम्प्युटराईज्ड इंजन खरीदे. उन दस मे से एक कंपनी ताऊ की भी थी.

अब यह हवाईजहाज बनकर उडने के लिये तैयार होगया. जहाज को बनाने वाली कम्पनी ने उन सभी दस कंपनियों के मालिकों को बुलवाया और उन्हे इस हवाईजहाज की प्रथम उडान मे सवारी करने के लिये बैठा दिया.

जहाज मे बैठाने के बाद उस जहाज के मालिक ने इन सभी दस इंजन सप्लाई करने वालों को अलग अलग बताया कि इस जहाज मे उनकी कम्पनी द्वारा सप्लाई किया हुआ ईंजिन ही लगाया गया है. यह सुनकर धीरे धीरे उनमे से नौ इंजिन सप्लायर तो जहाज से उतर कर नौ दो ग्यारह हो गये और ताऊ अकेला बैठा रहा.

ताऊ को वहां इत्मिनान से बैठा देखकर वहां मौजूद मिडिया के लोगों को बडा आश्चर्य हुआ कि बाकी सारे सप्लायर तो डर के मारे जहाज से उतर कर भाग गये और ताऊ आराम से बैठा है. तो उन्होने ताऊ से पूछा - ताऊ आपको आप द्वारा सप्लाई किये गये इंजन पर इतना यकीन है कि यह आसमान मे उडने के दौरान नीचे नही गिरेगा?

ताऊ बोला - अरे बावलीबूचों ..अगर इस जहाज मे मेरी कंपनी का बनाया हुआ इंजन लगा होगा तो गिरना तो दूर की बात है यह उडेगा ही नही.

नोट : यह वाला ताऊ ...ताऊ रामपुरिया नही है.:)

4 comments:

Udan Tashtari said...

अब आप बोल रहे तो मान लेते है मगर नेचर ताऊ रामपुरिया से कित्ता मिल रहा है. :)

आशीष खण्डेलवाल (Ashish Khandelwal) said...

ताऊ रामपुरिया जी से इस ताऊ की शिकायत लगानी पड़ेगी। कोई कुंभ के मेले का मामला तो नहीं :)

seema gupta said...

हा हा हा हा हा हा हा तभी तो ताऊ जी ताऊ जी हाँ अब चाहे कोई भी हो....

regards

Urmi said...

मुझे आपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा! बहुत बढ़िया लिखा है आपने! अब तो मैं आपका फोल्लोवेर बन गई हूँ इसलिए आती रहूंगी! मेरे ब्लोगों पर आपका स्वागत है!