Sunday, February 21, 2010

दोस्ती

बडे रुसवा होगये कुछ दोस्त हमारे
अब वो याद ही नही करते
पहेले तो रोज मिलते थे
अब मिस काल तक नही करते
खुशबू दोस्ती की इश्क से कम नही होती
इश्क पर ही ये जहां खत्म नही होता तिवारी
अगर साथ हो दोस्तों का तो
ये दुनियां जन्नत से कम नही होती