Sunday, February 21, 2010

दोस्ती

बडे रुसवा होगये कुछ दोस्त हमारे
अब वो याद ही नही करते
पहेले तो रोज मिलते थे
अब मिस काल तक नही करते
खुशबू दोस्ती की इश्क से कम नही होती
इश्क पर ही ये जहां खत्म नही होता तिवारी
अगर साथ हो दोस्तों का तो
ये दुनियां जन्नत से कम नही होती

5 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढ़िया!!सही कहा आपने....

Smart Indian said...

बहुत खूब तिवारी साहब. वापसी का स्वागत है!

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत शानदार तिवारी साहब.

रामराम.

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ said...

:)

Smart Indian said...

बडे रुसवा होगये कुछ दोस्त हमारे
अब वो याद ही नही करते
पहेले तो रोज मिलते थे
अब मिस काल तक नही करते