बात पुरानी है ! उस समय ताऊ और ताई की शादी हुई ही थी !
शादी के कुछ दिन बाद ताऊ तो कलकता चला गया !
और ताई रह गई गाँव में ! अब एक दिन ताई ने एक पत्र ताऊ को लिखा !
आप तो ताऊ को जानते ही हो ! ताऊ ख़ुद अंगूठा छाप है ! इसीलिए चोरी
डकैती और लूट्मारी के धंधो में लगा है !
सूना है आजकल चाँद बेच कर खाने की जुगाड़ में है !
यमराज जी चाँद ताऊ के हवाले कर गए हैं !
ताऊ अब ऐसा है तो ताई भी उससे दो हाथ आगे है !
बस किसी तरह जोड़ कर अक्षर लिख लेती है !
शब्द कहाँ लगाना, कोमा, पूर्णविराम जहाँ इच्छा हो वहीं लगाती है !
आप भी ताई का पत्र ताऊ के नाम की झलक देखिये !
मेरे प्रिय जीवन साथी मेरे चरणों में आपका प्रणाम !
आपने अभी तक चिट्ठी नही लिखी मेरी सहेली को !
नौकरी मिल गई है गाय ने !
बच्छडा दिया है दादाजी ने !
शराब शुरू करदी मैंने !
तुमको बहुत ख़त लिखे पर तुम नही आए कुत्ते के बच्चे !
भेडिया खा गई दो महीने का राशन !
छुट्टी पर आते वक्त ले आना एक खूबसूरत औरत !
मेरी सहेली बन गई है !
और इस वक्त टी.वी. पर गाना गा रही है हमारी बकरी !
बेच दी गई है तुम्हारी माँ !
तुमको याद कर रही है एक पडोसन !
हमें बहुत तंग करती है तुम्हारी बहन !
सिरदर्द से लेटी है तुम्हारी पत्नी !
अब अगर ताई पढी लिखी होती और सही कोमा एवं पूर्णविराम लगाती तो असल बात यह थी !
मेरे प्रिय जीवन साथी के चरणों में मेरा प्रणाम !
आपने अभी तक चिट्ठी नही लिखी ! मेरी सहेली को नौकरी मिल गई है !
गाय ने बच्छडा दिया है ! दादाजी ने शराब शुरू करदी !
मैंने तुमको बहुत ख़त लिखे पर तुम नही आए ! कुत्ते के बच्चे भेडिया खा गई !
दो महीने का राशन छुट्टी पर आते वक्त ले आना !
एक खूबसूरत औरत मेरी सहेली बन गई है !
और इस वक्त टी.वी. पर गाना गा रही है ! हमारी बकरी बेच दी गई है !
तुम्हारी माँ तुमको याद कर रही है ! एक पडोसन हमें बहुत तंग करती है !
तुम्हारी बहन सिरदर्द से लेटी है !
तुम्हारी पत्नी !
हम बिल्कुल भी नही बताएँगे की ये कौन से ताई और ताऊ की कहानी है !
आपको जो समझना हो आप समझ लीजिये !