आप सभी को दीपावली की शुभकामनाएं ! हम आपको व्यक्तिगत रूप से आकर दीपावली की शुभकामनाएं नही दे सके ! क्योंकि हमारी पन्डताइन की तबियत ठीक नही थी ! सो हम आप लोगो से दूर रहे ! और इसके लिए हम आप से क्षमा चाहते हैं ! आइये आपको एक बिल्कुल ताजा किस्सा सुनाता हूँ !
कल दीपावली मिलने या कहिये साल भर के पापो का प्रायश्चित करने ताऊ रामपुरिया के घर गए थे ! वहाँ जाकर मिठाई विठाई खा पीके वापस आने लगे तो बिजली गुल हो गई ! तो ताऊ उठकर खड़े हो गए और टॉर्च लेके हमारे आगे २ हो लिए !
हमने कहा - ताऊ रास्ता हमारा रोज का देखा हुवा है हम चले जायेंगे ! आप कहाँ कष्ट करेंगे ?
इस बात पर ताऊ कहने लगे - यार तिवारी साहब , मैंने कोई आपको रास्ता दिखाने के लिए टॉर्च थोड़ी उठाई है ? अरे टॉर्च तो मैंने इस लिए उठाई है की आप कहीं अंधेरे में आपके पुराने जूते छोड़ कर मेरे नए जूते नही पहन कर निकल लो !